मेजर संदीप उन्नीकृष्णन

संदीप उन्नीकृष्णन

मेजर संदीप उन्नीकृष्णन

(15/03/1977 - 26/11/2008)

15 मार्च, 1977 को कॉलीकट में जन्में आईसी-58660एच मेजर संदीप उन्नीकृष्णन 20 जनवरी, 2007 को 51एस0ए0जी0, एनएसजी में शामिल हुए । ऑपरेशन "ब्लैक टॉरनाडो" के दौरान 26 नवम्बर, 2008 को 04 आतंकियों ने होटल ताज मुंबई पर हमला किया जिसमें 80 बंधकों को मार दिया और 240 को घायल कर दिया । मेजर संदीप उन्नीकृष्णन ने वहां पर फंसे बंधकों को छुड़ाने के लिए अपनी टीम का नेतृत्व किया । करीब 2030 बजे कमरों की जांच करते हुए मेजर संदीप उन्नीकृष्णन ने आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए हुए लोगों की चिल्लाने की आवाजें सुनी । अंधेरे और आतंकवादियों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी के बावजूद उन्होंने बंधकों को खोजने में विशिष्ट साहस का प्रदर्शन किया । उनके दस्ते द्वारा जहां बंधक थे उसके दरवाजों के दोनों तरफ मोर्चा संभाला हुआ था । आतंकवादियों को फंसने का अहसास हुआ तो उन्होंने एनएसजी टीम पर गोलीबारी शुरु कर दी और ग्रेनेड दागे । इस वजह से आर-।। सुनील बहुत बुरी तरह से घायल हो गए । मेजर संदीप उन्नीकृष्णन अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना आर-।। सुनील को आतंकवादियों के सामने से वापस लाए और इस दौरान उनके दाहिनें बाजू में गोली भी लगी । वे घायल हो गए थे लेकिन अडिग थे और आतंकवादियों को मार गिराने और बंधकों को छुड़ाने के लिए अकेले ही अंदर घुस गए । इस हिंसक मुठभेड़ के दौरान उन्होंने आतंकवादियों को काफी चोटें पहुंचाई लेकिन वे स्वयं भी घायल हो गए और बाद में वीरगति को प्राप्त हो गए । उन्होंने बहादुरी पूर्ण कार्य, मिशन के लिए अद्वितीय समर्पण और दुश्मन के समक्ष उच्चतम अदम्य साहस, असाधारण नेतृत्व का एक आदर्श उदाहरण स्थापित किया है । वीरता और आत्म-बलिदान के इस सर्वश्रेष्ठ कार्य के लिए उन्हें अशोक चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया । उनके परिवार में मां श्रीमती धनलक्ष्मी उन्नीकृष्णन और पिता श्री के उन्नीकृष्णन हैं ।