गजेन्द्र सिंह

गजेन्द्र सिंह

गजेन्द्र सिंह

(01/07/1972 - 27/11/2008)

उत्तराखण्ड के देहरादून जिले के एक छोटे से गांव गणेश पुरा में 01 जुलाई, 1972 को जन्में 4073611डब्ल्यू, आर-। गजेंद्र सिंह 08 जनवरी, 2008 को 51 एसएजी, एनएसजी में शामिल हुए । 27 नवम्बर, 2008 को ऑपरेशन "ब्लैक टॉरनाडो" के दौरान लगभग 1900 बजे आर-। गजेंद्र सिंह सरकते हुए मुंबई में नरीमन हाऊस के शीर्ष पर आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए गए जिन्होंने 06 विदेशी बंधकों को मार डाला और नागरिकों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे थे । काफी करीब से आतंकवादियों द्वारा की जा रही गोलीबारी के बावजूद आर-। गजेंद्र सिंह ने बंधकों को बचाने के लिए अपने दस्ते का नेतृत्व किया । उन्होंने अपनी टीम का अत्यंत साहस के साथ नेतृत्व किया और गोलीबारी करते हुए आगे बढ़े और उस कमरे तक पहुंचे जहां आतंकवादी छिपे हुए थे । उसी समय एक आतंकवादी ने उस पर ग्रेनेड फेंक दिया था जिसमें वे गंभीर रुप से घायल हो गए । फिर भी वे अडिग थे और कमरे में जबरदस्ती घुसने के लिए रेंगते हुए आगे बढ़े। आतंकवादी सीधे गोलीबारी नहीं कर सकते थे क्योंकि आर-। गजेंद्र सिंह ने दरवाजे के बगल में मोर्चा ले लिया था । यह जानकर कि आतंकवादी उसके साथियों के जीवन के लिए खतरा हो सकते हैं, आर-। गजेंद्र सिंह तत्काल अंदर घुस गए और तुरंत एक आतंकवादी को मार गिराया और दूसरे को घायल कर दिया । 28 नवम्बर, 2008 को यह शूरवीर राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वह्न करते हुए अपनी गंभीर चोटों के कारण शहीद हो गए । आर-। गजेंद्र सिंह ने विशिष्ट बहादुरी, उच्चतम स्तर के अदम्य साहस का प्रदर्शन किया और राष्ट्र के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया । इस वीरता पूर्वक कार्य के लिए उन्हें अशोक चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया । उनके परिवार में पत्नी श्रीमती विनीता देवी, बेटा गौरव बिष्ट और बेटी कुमारी प्रीति हैं ।